ब्रह्मण्ड और ब्रह्मण्ड का रहस्य, पिंड, ब्लैक होल(The Universe and the Mystery of the Universe, Body, Black Hole In Hindi)
ब्रह्मण्ड और ब्रह्मण्ड का रहस्य, पिंड, ब्लैक होल(The Universe and the
Mystery of the Universe, Body, Black Hole In Hindi):-
क्या आप जानते हैं कि ब्रह्मांड कितना विशाल है। तो आइए ले चलते हैं हम आपको ब्रह्मांड की ओर :-
माना जाता है कि ब्रह्मांड अनंत है, अभी भी यह रहस्य बना हुआ है कि ब्रह्मांड की लंबाई चौड़ाई कितनी है, हालांकि प्रकाश वर्ष ब्रह्मांड की दूरी मापने का यंत्र है, फिर भी यह काफी नहीं है ब्रह्मांड के जिस हिस्से में हम लोग रहते हैं वह ब्रह्मांड का एक छोटा सा हिस्सा है, जिसे गैलेक्सी कहते हैं। ऐसी बहुत सारी गैलेक्सिया हैं, जिसमें हमारी पृथ्वी की तरह कई ग्रह हो सकते हैं, जिसमें हमारे पृथ्वी वासी की तरह ही लोग निवास करते होंगे ऐसा इसलिए कहा जा सकता है कि कई बार हमारे ग्रह पर यूएफओ को देखा गया है, जोकि आज भी रहस्य बना हुआ है, हमारे वैज्ञानिक अभी भी इसकी गुत्थी सुलझाने में लगे हुए हैं।
आइए जानते हैं कि ब्रह्मांड किसे कहते हैं :-
गैलेक्सी क्या है :-
अरबो तारों के समूह को गैलेक्सी कहते हैं, यह गैलेक्सिया केंद्र के चारों तरफ चक्कर लगाते हैं, गैलेक्सी के केंद्र से बाहर जाने पर तारों के बीच की दूरी बढ़ती जाती है, जिसे गैलेक्सी या हिंदी में आकाशगंगा कहते हैं।
आकाशगंगा क्या है :-
हमारा सूर्य आकाशगंगा में स्थित है, सूर्य जब 25 वर्ष में आकाशगंगा का चक्कर लगा लेता है तो इसे ब्रह्मांड वर्ष या मिल्की वे कहते हैं, सूर्य के बाद सबसे चमकीले तारे को साइरस या डॉग स्टार कहते हैं, सूर्य का सबसे नजदीक तारा जिसे प्रॉक्सिमा सेंचुरी कहते हैं, आकाशगंगा के दूसरी गैलेक्सी का नाम एंड्रोमेडा है, आकाशगंगा के सबसे चमकीले तारों के समूह को ओरियन नेबुला कहते हैं।
खगोलीय पिंड क्या है :-
जो ब्रह्मांड में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं, यानी जिसकी रचना मनुष्यों ने नहीं की इसमें तारे, ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, गैलेक्सी, उल्का पिंड, ब्लैक होल इत्यादि हैं जिसे खगोलीय पिंड कहते हैं जिसमें से शुक्र सबसे चमकीला खगोलीय पिंड है।
तारे क्या है :-
तारों में अपनी ऊर्जा उस्मा प्रकाश होता है, इनकी उस्मा का स्रोत नाभिकीय संलयन से होता है, तारों की निश्चित जीवन अवधि होती है, जो तारा जितना बड़ा होगा उतना ही उसका जीवन काल छोटा होगा कोई भी तारा पैदा होता है तो उसका रंग नीला होता है, जो इसकी प्रारंभिक अवस्था होती है, जिसमें बहुत ज्यादा उर्जा उस्मा होता है और इसकी अंतिम अवस्था लाल होती है। जोकि तापमान में कमी की वजह से इसका रंग बदलता है, जब लाल तारा ठंडा हो जाता है तो यह फैलने लगता है, अंत में इसमें विस्फोट हो जाता है इसे सुपरनोवा विस्फोट कहते हैं।
ब्लैक होल क्या है :-
ब्लैक होल अंतरिक्ष में एक ऐसी जगह है, जहां गुरुत्वाकर्षण इतना अधिक होता है कि अपने अंदर पूरा द्रव्यमान समेट लेता है, इसमें कोई वस्तु अंदर जा सकती है, लेकिन इसमें से बाहर नहीं निकल सकती है, इसलिए यह काला दिखाई देता है। क्योंकि यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को भी अवशोषित कर लेता है, और कुछ भी परावर्तित नहीं करता।
जैसे कि किसी टॉर्च से हम प्रकाश डालते हैं तो वह प्रकाश रिफ्लेक्ट होकर हमारे आंखों पर पड़ता है, तभी वह चीज हमें दिखाई देती है। अगर प्रकाश वापस लौट कर ही नहीं आया तो उस जगह को ब्लैक होल माना जाता है। ब्लैक होल अदृश्य होते हैं, जिन्हें विशेष उपकरणों जैसे कि- स्पेस टेलीस्कोप की मदद से इसका पता लगाया जा सकता है।
Comments
Post a Comment